विश्व हिन्दू परिषद के केंद्रीय कार्याध्यक्ष व वरिष्ठ अधिवक्ता आलोक कुमार ने कहा कि केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी का एक बयान देखकर हम स्तब्ध हैं. उन्होंने रोहिंग्याओं को शरणार्थी बताते हुए उन्हें दिल्ली के बक्करवाला में ईडब्ल्यूएस फ्लैट आवंटित करने की बात कही है.
आलोक कुमार ने कहा कि वे श्री पुरी को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान का स्मरण करवाना चाहते हैं. उन्होंने 10 दिसंबर, 2020 को संसद में घोषणा की थी कि रोहिंग्याओं को भारत में कभी स्वीकार नहीं किया जाएगा.
आलोक कुमार ने कहा कि रोहिंग्या शरणार्थी नहीं, घुसपैठिए हैं, यह भारत सरकार का स्पष्ट मत रहा है और सर्वोच्च न्यायालय में प्रस्तुत शपथपत्र में भारत ने यही कहा भी है. तथ्य यह है कि पाकिस्तान के हिन्दू शरणार्थी दिल्ली के मजनू का टीला इलाके में अमानवीय परिस्थितियों में रह रहे हैं. ऐसे में रोहिंग्याओं को आवास दिए जाने का प्रस्ताव और अधिक निंदनीय हो जाता है.
विश्व हिन्दू परिषद भारत सरकार से आग्रह करती है कि इस मुद्दे पर पुनर्विचार किया जाए और रोहिंग्याओं को आवास प्रदान करने की बजाय, उन्हें भारत से वापस भेजने की व्यवस्था की जाए.