श्री संघगिरी दुरैस्वामी सुब्रह्मणिय योगी
श्री श्री शंकगिरी दुरैस्वामी सुब्रह्मणिय योगी 30 नवंबर 1904 को केरल के एल्लपल्लि गांव में जन्म हुआ। माता पिता इनको सुब्रह्मण्यम नाम रखा था। कालांतर में संकगिरी दुरैस्वामी सुब्रमण्य योगी ऐसा परिणमित हुआ।
तमिल के महा विद्वान स्वातंत्र्य समर सेनानी और फिल्म गीतकर्ता और गायक फिल्म कथाकार, लेखक और फिल्म निर्देशक जैसा प्रतिभा संपन्न व्यक्ति हैं।
शब्दशक्ति और अर्थ भरे कविताएं तथा खंडकाव्य आदि लिखी थीं।
इनकी कृतियां “मानिक कुड़ी” स्वदेशमित्रण” जैसे पत्रिकाओं में प्रकाशित होकर तमिलनाडु सरकार से अंगीकृत किया गया है।
चेन्नई में संपन्न नमक सत्याग्रह में भाग लेकर जेल गए हैं थे।
जेल में अपने अनुभव को “अपने जेलवास” नामक किताब में जेल एक तपोभूमि है और स्वतंत्र देवी के मंदिर का द्वार है। इसलिए मैं जेल को नमन करता हूं ऐसा उल्लिखित किए हैं।